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Showing posts from February, 2015

EFFECTS OF VENUS ACCORDING TO LAL KITAB

लाल किताब के अनुसार शुक्र ग्रह की कुण्डली में शुभ स्थिति जीवन को सुखमय और प्रेममय बनाती है तो अशुभ स्थिति चारित्रिक दोष एवं पीड़ा दायक होती है. शुक्र को सबसे चमकीला और सुन्दर ग्रह कहा गया है.यह संध्या काल में एवं प्रात: काल में चमकने वाला ग्रह है.लाल किताब में इसे प्रेम और वासना का अधिपति माना गया है.कुण्डली में इसकी शुभ स्थिति जीवन को सुखमय और प्रेममय बनाती है तो अशुभ स्थिति चारित्रिक दोष एवं पीड़ा दायक होती है.  लाल किताब के अनुसार 7 वां घ्रर जिसे वैदिक ज्योतिष में प्रेम और जीवनसाथी का घर कहा गया है उसका स्वामी शुक्र होता है.शुक्रवार का अधिपति शुक्र होता है.यह बुध, शनि और केतु का मित्र और सूर्य, चन्द्र एवं राहु से शत्रुता रखता है.मंगल और बृहस्पति के साथ इसका वैर होता है.टेवे में 2, 3, 4, 7 एवं 12 वें खाने में शुक्र श्रेष्ठ होता है जबकि 1, 6, 9 वें खाने में मंदा होता है.मीन राशि में यह उच्च होता है और कन्या में नीच.मिथुन राशि में यह योग कारक होता है.सप्तम भाव में यह जिस ग्रह के साथ सम्बन्ध बनाता है उसे अपना प्रभाव दे देता है.  शुक्र को परिवार और गृहस्थी का कारक माना गया है.पु...

GENERAL HEALTH AND LONGETIVITY TIPS

मैंने कुछ सूत्र एकत्र किए हैं जिसमें राजीव भाई के साथ साथ् दूसरे भी सूत्र हैं क्योंकि चाणक्य नीति के अनुसार ज्ञान कहीं से भी मिले ले लेना चाहिए। आशा है आप सभी को लाभ अवश्य होगा। 1- 90 प्रतिशत रोग केवल पेट से होते हैं। पेट में कब्ज नहीं रहना चाहिए। अन्यथा रोगों की कभी कमी नहीं रहेगी। 2- कुल 13 अधारणीय वेग हैं 3- 160 रोग केवल मांसाहार से होते है। 4- 103 रोग भोजन के बाद जल पीने से होते हैं। भोजन के 1 घंटे बाद ही जल पीना चाहिये। 5- 80 रोग चाय पीने से होते हैं। 6- 48 रोग ऐलुमिनियम के बर्तन या कुकर के खाने से होते हैं। 7- शराब, कोल्डड्रिंक और चाय के सेवन से हृदय रोग होता है। 8- अण्डा खाने से हृदयरोग, पथरी और गुर्दे खराब होते हैं। 9- ठंडेजल (फ्रिज)और आइसक्रीम से बड़ीआंत सिकुड़ जाती है। 10- मैगी, गुटका, शराब, सूअर का माँस, पिज्जा, बर्गर, बीड़ी, सिगरेट, पेप्सी, कोक से बड़ी आंत सड़ती है। 11- भोजन के पश्चात् स्नान करने से पाचनशक्ति मन्द हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है। 12- बाल रंगने वाले द्रव्यों(हेयरकलर) से आँखों को हानि (अंधापन भी) होती है। 13- दूध(चाय) के साथ नमक(नमकीन पदार्थ) खाने से चर्म रोग ...

JUPITER IN ALL HOUSE ACCORDING TO VEDIC ASTROLOGY

1. Jupiter - In the first house Jupiter gives a person very good health, a good spouse, and higher education. Usually people with this position become a teacher, a counselor, and a lawyer. This also gives a big family; especially the first child will be a boy, unless Venus or Moon are sitting in the 5th house. This person is also very religious, and follows the law of the land and culture. However, these people may not have so much wealth, because for them, wealth is knowledge, which means a PhD isn’t always a millionaire, but is respected like one.  2. Jupiter - Jupiter in the second house if it is not affiliated gives a very business minded person, who either takes on a family business, or opens his own business which may be similar to that of family. This person will do well in the food, clothing and realestate industry, but usually I’ve seen people becoming writers, public speakers and teachers with this position as it gives a prominent voice. But, having Jupiter is 2nd house m...

EFFECT OF MOON IN DIFFERENT HOUSES (12 HOUSES OF VEDIC ASTROLOGY)

Moon - In the first house Moon makes a person loner like the 12th house. This position however makes a person think very logically. Every move is calculated, and they do not tend to be very emotional unless being aspected by Mars in cancer, as in a Capricorn ascendant. Moon in the first house makes a person restless, but a good business minded individual. But usually ruins the relationship with mother if in the enemy sign.  2. Moon - Moon in the second house is not a good placement for Moon, since it gives lots of wasteful spending habits to a person, and they can’t control their spending, however the person usually is born in a wealthy family, but they are very extravert, especially in the sign of Leo and Gemini. 3. Moon - Moon in the third house makes a person very witty, and clever. In this position the person has good communicative ability however, their relationship with the mother suffers since this is originally the house ruled by Gemini: Mercury, and Mercury is the enemy of...

Saturn Effects on all Moon signs in the year 2015

जानें 2015 में शनिदेव किस प्रकार आपकी राशि को करेंगे प्रभावित साल 2015 में शनि वृश्चिक राशि में चलायमान रहेंगे । इस दौरान 14 मार्च से 15 अगस्त 2015 तक शनि की स्थिति वक्रीय रहेगी, तो आइए जानें कि किस पर रहेगी शनि की कृपा और किस पर होगे वो नाराजI ============================== ====================== मेष राशि - साल 2015 में शनिदेव आपकी राशि से आठवे स्थान में चलायमान रहेंगे। शनि की ढय्या आप पर चल रही है। अष्टम शनि के प्रभाव से शत्रु पीड़ा पहुंचाएंगे। अष्टम शनि जहां एक ओर स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं रहेगा वहीं दूसरी ओर दशम भाव पर दृष्टि भी व्यवसाय व नौकरी में उतार-चढ़ाव की स्थिति निर्मित करेगा। नौकरी व व्यवसाय में लक्ष्य प्राप्ति बहुत कठिनता से होगी। कोई काम होते-होते रह जाएगा। संपत्ति से संबंधित विवाद भी हो सकते हैं। उपाय- किसी भी विद्वान ब्राह्मण से या स्वयं शनि के तंत्रोक्त, वैदिक मंत्रों के 23000 जाप करें या करवाएं। ये है शनि का तंत्रोक्त मंत्र- ऊँ प्रां प्रीं स: श्नैश्चराय नम:। शनिवार को व्रत रखें। चींटियों को आटा डालें। जूते, काले कपड़े, मोटा अनाज व लोहे के बर्तन दान करें। -----------...

Saturn effects for on your home building

किसके लिये कौनसा घर शुभ यां अशुभ सिद्ध होगा कहना मुश्किल होता है और घर लेने के लिये वर्षों की मेहनत क्या रंग लायेगी - भविष्य के गर्भ में छुपा होता है । भविष्य का सम्बन्ध ज्योतिष से है और लाल-किताब हमें बताती है कि आपकी कुंडली में शनि जहाँ होगा अपने घर का वैसा फल आपको मिलेगा । ● लाल-किताब कहती है । किसी की कुंडली में अगर शनि, प्रथम भाव में है । तो उसको आर्थिक हानि होगी और ऐसा अपना घर लेते ही होगा । लेकिन बलवान शनि, स्वराशि और उच्च का शनि आर्थिक हानि से बचा सकता है । ● किसी की कुंडली में शनि अगर द्वितीय भाव में हो तो घर जैसे भी बने उसे बनने देना चाहिये । आप घर के बनने को रोके नहीं, घर बनते ही शनि बलवान हो जाता है और आर्थिक स्तिथि शुभ हो जाती है । ● तृतीय भाव में शनि होने से अपना घर बनाना शुभ नहीं होता । पहले तो बंनाने में ही बहुत दिक्कते आती हैं । फिर भी घर बंनाने से पहले अगर तीन कुत्ते पालें जाएँ तो घर आसानी से बन जाता है । ● चतुर्थ भाव में अगर शनि हो तो अपना घर बना लेने के बाद माँ और माँ सामान स्त्रियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है । ● अगर पंचम भाव में शनि हो तो अपना घर बना लेने के बाद संतान...

Signification of 9 Planets( nav graha ) in a horoscope

Sun : Sun is the king, soul, father, will power, life, glory, health, sovereignty and clothes. Its colour is pink or red. It has anger but momentary. Its element is gold and gem ruby. East is represented by Sun. Moon : It is a cold, calm and quiet planet and represents mind, mother, motherland, money, eyes, lungs, liquids and nurses. Its colour is white, direction north-east, element is silver and gem pearl. Mars : Mars is a soldier and represents land, boldness, younger brothers and sisters, chemists, fire, anger, surgery. It has anger which stays for a long time. Its element is copper and gem coral. Its colour is red and direction south. Mercury : Mercury is talkative and tactful, but not harmful. It is a good trader, mathematician, editor and publisher. It has excellent argumentative and analytical power. It represents memory, throat, arms, maternal uncles and short journeys. Its element is bronze and gem is emerald. Colour is green and direction north. Jupiter : It is the heaviest ...

Signification of 12 Houses in a horoscope

 1st house : 1st house or so called Lagna is the most important of all the houses and determines the longevity, health, character and nature of the native. It specifically signifies the head. 2nd house : This house is also called 'Dhan' house and deals with money matters, one's deposits, income tax, customs, computers. It represents one's family and face, speech, food habits and left eye. 3rd house : Called 'Bhratra' house, this is the house of brothers and sisters, signifies courage, boldness, short journeys and throat. One is made singer by this house only.  4th house : 4th house represents mother, motherland, house, mental peace, vehicles and education. It is also called 'Matra Bhava'. It represents chest, particularly lungs. 5th house : This house is also called as 'Putra Bhava' and represents children, intelligence, speculation and love affairs. It indicates stomach and gives professions of teacher, principal and gynaecologist. 6th house : T...

27 nakshatras and their general traits

भारतीय ज्योतिष शस्त्र की 12 राशियों को 27 नक्षत्र में विभक्त किया गया है। मनुष्य जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उसी नक्षत्र के अनुसार उसे स्वाभवगत फल प्राप्त होता है। जो कि निम्न प्रकार है। अश्विनी - अश्विनी नक्षत्र का जातक आकर्षक व्यक्तिव वाला, रुपवान वस्त्राभूषण वा अलंकार प्रेमी, कार्यदक्ष, विनयी, खूबसूरत, सुखी, सर्वप्रिय, बुद्धिमान एवं चतुर होगा । भरणी - भरणी नक्षत्र का जातक दृढ निश्चय करके कार्य करने वाला, सत्यवादी, कुछ स्वार्थी, परदेश गमन करने वाला, आस्थिर-विचार वााला, पर स्त्री आसक्त, विवेकशील, सुखी जीवन यापन करने वाला होगा । कृतिका - कृतिका नक्षत्र का जातक तेजस्वी, बुद्धिमान, पर स्त्री आसक्त, कठोर पीडा सहन करने वाला, शत्रुओं से पीडित, बहु-भोजी, आशावादी, रुचि के अनुसार भोजन करने वाला, तेजस्वी, एवं ख्यातिलब्ध होगा । रोहणी - रोहणी नक्षत्र का जातक सत्यप्रेमी, दृढ निश्चय करके कार्य करने वाला, कामी, भोगी, कार्य करने मे कुशल, अच्छी स्मरण शक्ति वाला, मधुरवक्ता पवित्र कार्य करने वाला, स्थिर बुद्धि से युक्त एवं सुन्दर होगा। मृगशिरा - मृगशिरा नक्षत्र का जातक चंचल, विवेकी, कुछ स्वार्थी, सौम्य...

Shree Rudra Astakam

॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥ नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥ निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् । करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ॥ २॥ तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् । स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥ ३॥ चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् । मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥ ४॥ प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम् । त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥ ५॥ कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी । चिदानन्द संदोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ ६॥ न यावत् उमानाथ पादारविन्दं भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् । न तावत् सुखं शान्ति सन्तापनाशं प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम् ॥ ७॥ न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् । जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो ॥ ८॥ रुद्राष्टकमि...

Three phases of Shani Sade Sati

शनि साढेसाती के तीन चरण - Three Steps of Shani Sade Sati and you           शनि साढेसाती (Shani Sade Sati) में शनि तीन राशियों पर गोचर करते है. तीन राशियों पर शनि के गोचर को साढेसाती (Shani Sade Sati) के तीन चरण के नाम से भी जाना जाता है. अलग- अलग राशियों के लिये शनि के ये तीन चरण अलग - अलग फल देते है. शनि कि साढेसाती के नाम से ही लोग भयभीत रहते है. जिस व्यक्ति को यह मालूम हो जाये की उसकी शनि की साढेसाती चल रही है, वह सुनकर ही व्यक्ति मानसिक दबाव में आ जाता है. आने वाले समय में ह ोने वाली घटनाओं को लेकर तरह-तरह के विचार उसके मन में आने लगते है. शनि की साढेसाती को लेकर जिस प्रकार के भ्रम देखे जाते है. वास्तव में साढेसाती का रुप वैसा बिल्कुल नहीं है. आईये शनि के चरणों को समझने का प्रयास करते है- साढेसाती चरण-फल विभिन्न राशियों के लिये साढेसाती का प्रथम चरण (first step of Shani Sade Sati) - वृ्षभ, सिंह, धनु राशियों के लिये कष्टकारी होता है. द्वितीय चरण या मध्य चरण- मेष, कर्क, सिंह, वृ्श्चिक, मकर राशियों के लिये अनुकुल नहीं माना जाता है. व अन्तिम चरण- मिथुन, कर्क, तु...