remedies for happier married life (जाने अपनी कुंडली से दाम्पत्य जीवन को सुखी करने के लाभकारी उपाय)
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आज कल जीवन की कश्म कश के कारण
पति पत्नी के बिच परस्पर व्यवहार बिगड़ते जा रहे
है ! एक दूजे को ना समझ पाना और कही बातो बातो में
ही एक दूजे का अपमान करना ,जिससे घर
की शांति और बरकत ख़त्म सी
होती जा रही है ! कुछ स्वयं
की गलतिय और कुछ गृह भी कुंडलियो में
एक दूजे के विचारो को नहीं मिलने देते है , ऐसे में हमें
सर्व प्रथम हमारे ग्रहों को अनुकूल करने के लिए उपाय करना
अति अवश्यक है , जिससे उन के ठीक होने पर
अपने आप है सारी समस्या कही हद
तक ठीक होने लगती है ! में आप को बताता हु की अपनी
लग्न कुंडली के अनुसार केसे अपने वैवाहिक
जीवन के प्रति कुल ग्रहों को केसे अनुकूल करे ..
और बनाये एक आदर्श जोड़ी ...........
नोट - अपनी जन्म पत्रिका के सबसे बिच यानि प्रथम
घर को लग्न कहते है , जो इस प्रकार है -
1- मेष , 2- वृषभ , 3- मिथुन , 4- कर्क , 5- सिंह , 6- कन्या
, 7- तुला , 8- वृश्चिक , 9- धनु , 10- मकर , 11- कुम्भ ,
12- मीन , इस प्रकार आप अपना लग्न देख कर
अपनी तथा अपने जीवन साथी
की कुंडली के उपाय कर के लाभान्वित होवे
.........
मेष लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक गृह
शुक्र गृह है ! जिसके अनुकूल करने के लिए - गाय और पक्षियों
को देसी घी से बने चावल खिलाये , गाय को
लगातार सवा महीने तक दोनों हटो से एक -एक
रोटी खिलाये , बुजुर्ग महिला को
नीली सदी देवे और उनका जोड़े
से आशीर्वाद लेवे !
वृषभ लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक गृह
मंगल गृह है! जिसके अनुकूल करने के लिए- लाल तिलक लगाकर
जीवन साथी के सामने अधिक से अधिक जाना
चाहीये, लाल रुमाल में एक मुठठी सौफ बांध
कर शयन स्तःन के पास रखना चाहिए , हनुमान जी के
मंदिर में लाल चन्दन जोड़े से दान करना चाहिए !
मिथुन लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक गृह
गुरु गृह है! जिसके अनुकूल करने के लिए- नित्य पिला चन्दन या
केशर का तिलक लगाये , गुरूवार का व्रत करे उसमे कुछ पिला
मीठा खाए , नित्य तुल्सजी को
घी का दीपक लगाये तथा दीपक
में एक लॉन्ग और एक इलायची डाले !
कर्क लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक शनि
गृह है! जिसके अनुकूल करने के लिए- शनि वर को हनुमान
जी के मंदिर में जोड़े से दर्शन करे , निरंतर सात शनिवार
को प्रातः 10 से पूर्व पीपल के पेढ की
जड़ में तिल्ली के तेल का दीपक लगाये ,
एक बांस की बासुरी और 800 ग्राम
शक्कर कृष्ण मंदिर में देवे !
सिंह लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक शनि
गृह है! जिसको अनुकूल करने के लिए- शनि वार को राधा कृष्ण
मंदिर में एक तुलसी का पोधा गंगा जल दल कर दान करे ,
निरंतर आठ शनिवार को गुलाब की
अगरबत्ती राधा कृष्ण मंदिर में जलाये ,
मिटटी के बर्तन में शहद डाल कर शिव मंदिर में देवे !
कन्या लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक गुरु
गृह है! जिसको अनुकूल करने के लिए- अपने शयन कक्ष में
लक्ष्मी नारायण का फोटो रखे और पूजा करे , एक लाल
चन्दन का टुकड़ा शयन कक्ष की अलमारी
में रखे , सैट पारकर के फल लक्ष्मी नारायण मंदिर में
एक घी के दीपक के साथ रखे , जोड़े से
एकादशी का व्रत करा करे !
तुला लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक मंगल
गृह है! जिसको अनुकूल करने के लिए- मंगलवार को हनुमान को
जोड़े से जा कर चौला चड़ाए , मंगलवार का वर्त करे दोपहर के खाने
में मीठा खाए , पांच मंगलवार भगवान् को लाल चन्दन का
त्रिपुण लगाये , चंडी की एक ठोस
गोली अपने साथ में रखे ! वृश्चिक लग्न = इस लग्न
के जातको का दाम्पत्य सुख का कारक शुक्र गृह है! जिसको
अनुकूल करने के लिए- शनिवार और मंगलवार 3 माह तक बाने हुवे
चावल में बारीक़ दल कर जल में मछलियों को खिलाये , सात
शुक्रवार तक शिवजी पर सुगन्धित जल यानि इत्र
डालकर चदाये और फिर राधा-कृष्ण पर इत्र चदाये !
धनु लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का का रक बुध
गृह है! जिसको अनुकूल करने के लिए- इक्कीस
बुधवार तक गणपति जी को इक्कीस दूर्वा/
सिंदूर/ 5 लड्डू /3 चंडी की वर्क 5
अगरबत्ती आदि भी चदाये , हरे वस्त्र या
हरी चुडिया कन्या को भेट करे , तिन किलो हरे मुंग
अपनी बहन को देवे !
मकर लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का कारक
चन्द्र गृह है! जिसको अनुकूल करने के लिए- सोमवार को अपने
शयन कक्ष में एक गोरशंकर रुद्राक्ष रखे , अपने घर के पूजन
स्थान पर एक चन्द्र यंत्र रखे , 100 ग्राम जल तथा उसमे एक
चान्दी का टुकड़ा डालकर रखे !
कुंभ लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का कारक सूर्य
गृह है! जिसको अनुकूल करने के लिए- रविवार के दिन प्रातः 10 से
पूर्व 1 तांबे के सिक्के को लाल धागे से अपने शयन कक्ष में सवा
महीने के लिए टांग दीजिये , अपने हात
की अनामिका उंगल
आज कल जीवन की कश्म कश के कारण
पति पत्नी के बिच परस्पर व्यवहार बिगड़ते जा रहे
है ! एक दूजे को ना समझ पाना और कही बातो बातो में
ही एक दूजे का अपमान करना ,जिससे घर
की शांति और बरकत ख़त्म सी
होती जा रही है ! कुछ स्वयं
की गलतिय और कुछ गृह भी कुंडलियो में
एक दूजे के विचारो को नहीं मिलने देते है , ऐसे में हमें
सर्व प्रथम हमारे ग्रहों को अनुकूल करने के लिए उपाय करना
अति अवश्यक है , जिससे उन के ठीक होने पर
अपने आप है सारी समस्या कही हद
तक ठीक होने लगती है ! में आप को बताता हु की अपनी
लग्न कुंडली के अनुसार केसे अपने वैवाहिक
जीवन के प्रति कुल ग्रहों को केसे अनुकूल करे ..
और बनाये एक आदर्श जोड़ी ...........
नोट - अपनी जन्म पत्रिका के सबसे बिच यानि प्रथम
घर को लग्न कहते है , जो इस प्रकार है -
1- मेष , 2- वृषभ , 3- मिथुन , 4- कर्क , 5- सिंह , 6- कन्या
, 7- तुला , 8- वृश्चिक , 9- धनु , 10- मकर , 11- कुम्भ ,
12- मीन , इस प्रकार आप अपना लग्न देख कर
अपनी तथा अपने जीवन साथी
की कुंडली के उपाय कर के लाभान्वित होवे
.........
मेष लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक गृह
शुक्र गृह है ! जिसके अनुकूल करने के लिए - गाय और पक्षियों
को देसी घी से बने चावल खिलाये , गाय को
लगातार सवा महीने तक दोनों हटो से एक -एक
रोटी खिलाये , बुजुर्ग महिला को
नीली सदी देवे और उनका जोड़े
से आशीर्वाद लेवे !
वृषभ लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक गृह
मंगल गृह है! जिसके अनुकूल करने के लिए- लाल तिलक लगाकर
जीवन साथी के सामने अधिक से अधिक जाना
चाहीये, लाल रुमाल में एक मुठठी सौफ बांध
कर शयन स्तःन के पास रखना चाहिए , हनुमान जी के
मंदिर में लाल चन्दन जोड़े से दान करना चाहिए !
मिथुन लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक गृह
गुरु गृह है! जिसके अनुकूल करने के लिए- नित्य पिला चन्दन या
केशर का तिलक लगाये , गुरूवार का व्रत करे उसमे कुछ पिला
मीठा खाए , नित्य तुल्सजी को
घी का दीपक लगाये तथा दीपक
में एक लॉन्ग और एक इलायची डाले !
कर्क लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक शनि
गृह है! जिसके अनुकूल करने के लिए- शनि वर को हनुमान
जी के मंदिर में जोड़े से दर्शन करे , निरंतर सात शनिवार
को प्रातः 10 से पूर्व पीपल के पेढ की
जड़ में तिल्ली के तेल का दीपक लगाये ,
एक बांस की बासुरी और 800 ग्राम
शक्कर कृष्ण मंदिर में देवे !
सिंह लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक शनि
गृह है! जिसको अनुकूल करने के लिए- शनि वार को राधा कृष्ण
मंदिर में एक तुलसी का पोधा गंगा जल दल कर दान करे ,
निरंतर आठ शनिवार को गुलाब की
अगरबत्ती राधा कृष्ण मंदिर में जलाये ,
मिटटी के बर्तन में शहद डाल कर शिव मंदिर में देवे !
कन्या लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक गुरु
गृह है! जिसको अनुकूल करने के लिए- अपने शयन कक्ष में
लक्ष्मी नारायण का फोटो रखे और पूजा करे , एक लाल
चन्दन का टुकड़ा शयन कक्ष की अलमारी
में रखे , सैट पारकर के फल लक्ष्मी नारायण मंदिर में
एक घी के दीपक के साथ रखे , जोड़े से
एकादशी का व्रत करा करे !
तुला लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का करक मंगल
गृह है! जिसको अनुकूल करने के लिए- मंगलवार को हनुमान को
जोड़े से जा कर चौला चड़ाए , मंगलवार का वर्त करे दोपहर के खाने
में मीठा खाए , पांच मंगलवार भगवान् को लाल चन्दन का
त्रिपुण लगाये , चंडी की एक ठोस
गोली अपने साथ में रखे ! वृश्चिक लग्न = इस लग्न
के जातको का दाम्पत्य सुख का कारक शुक्र गृह है! जिसको
अनुकूल करने के लिए- शनिवार और मंगलवार 3 माह तक बाने हुवे
चावल में बारीक़ दल कर जल में मछलियों को खिलाये , सात
शुक्रवार तक शिवजी पर सुगन्धित जल यानि इत्र
डालकर चदाये और फिर राधा-कृष्ण पर इत्र चदाये !
धनु लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का का रक बुध
गृह है! जिसको अनुकूल करने के लिए- इक्कीस
बुधवार तक गणपति जी को इक्कीस दूर्वा/
सिंदूर/ 5 लड्डू /3 चंडी की वर्क 5
अगरबत्ती आदि भी चदाये , हरे वस्त्र या
हरी चुडिया कन्या को भेट करे , तिन किलो हरे मुंग
अपनी बहन को देवे !
मकर लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का कारक
चन्द्र गृह है! जिसको अनुकूल करने के लिए- सोमवार को अपने
शयन कक्ष में एक गोरशंकर रुद्राक्ष रखे , अपने घर के पूजन
स्थान पर एक चन्द्र यंत्र रखे , 100 ग्राम जल तथा उसमे एक
चान्दी का टुकड़ा डालकर रखे !
कुंभ लग्न = इस लग्न के जातको का दाम्पत्य सुख का कारक सूर्य
गृह है! जिसको अनुकूल करने के लिए- रविवार के दिन प्रातः 10 से
पूर्व 1 तांबे के सिक्के को लाल धागे से अपने शयन कक्ष में सवा
महीने के लिए टांग दीजिये , अपने हात
की अनामिका उंगल
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