Remedies according to Mahadasha
अनुकूल ग्रह की महादशा मे उपाय मंत्रोच्चार या पूजन होता है :
1.चंद्र ग्रह की महादशा : सोमवार को शिव भगवान की पूजा करें- शिवलिंग पर कच्चा दूध एवं दहीं, धतुरा अर्पित करें। . कपूर . शिव पंचायतनसे पूजन करें।
2.मंगल ग्रह की महादशा : मंगलवार को हनुमान जी पूजा करें। दीपक लगाने के साथ ही अगरबत्ती, पुष्प आदि अर्पित करतथा सिंदूर, चमेली का तेल चढ़ाएं। मंत्र- ऊँ रामदूताय नम:, ऊँ पवन पुत्राय नम: । हनुमान चालीसा का पाठ करें।
3. बुध ग्रह की महादशा : बुधवार को गणेश भगवान की पूजा विधि-विधान से करें।
4.गुरू ग्रह की महादशा : बृहस्पतिवार को बृहस्पति देव की पूजा विधि-विधान से करें। बृहस्पति देव विद्या, धन, और संतान की कृपा करने वाले देवता है। अपने शरीर अंग नाभि और मस्तक पर केसर तिलक लगाना चाहिए और भोजन में भी केसर का प्रयोग करें। गुरू मंत्रों, विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ व जप करें या फिर कराएं। साधु, ब्राह्मण और पीपल के पेड़ की पूजा करें। पीपल की जड़ में जल, चने की दाल और पीले रंग की मिठाई चढ़ाएं। पीले रंग के धागे में गुरूवार के दिन 5 मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
5.शुक्र ग्रह की महादशा : ज्योतिष शास्त्र में भी मानव की पिड़ाओं और परेशानियों को दूर करने के लिए उपाय शुक्रवार को ही करने को उपयुक्त बताया गया है। चिटि्टयों को दाना , सफेद गाय को रोटी , गरीबों को भोजन और दान-पुण्य करें।
6. शनि ग्रह की महादशा : शनिवार को शनि देव की की पूजा करें: शनि देव के प्रकोप से बचते हैं। शनि देव को न्याय का देवता है। शनि देव को खुश करगे तो आपके पापों का नाश करगे . हनुमान चालिसा का पाठ,शनि देव के दर्शन, नीले पुष्प अर्पित करें।शिवलिंग पर जल अर्पित करें। , पीपल की पूजा ,गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं।
7.सूर्य ग्रह की महादशा : रविवार को सूर्य देव की पूजा विधि से करना चाहिए: सफलता और यश के लिए सूर्य देव को नमस्कार करें, लाल चंदन का लेप, कुकुंम, चमेली और कनेर के फूल अर्पित करें, दीप प्रज्जवलित, सूर्य मंत्र का जाप करें
1.चंद्र ग्रह की महादशा : सोमवार को शिव भगवान की पूजा करें- शिवलिंग पर कच्चा दूध एवं दहीं, धतुरा अर्पित करें। . कपूर . शिव पंचायतनसे पूजन करें।
2.मंगल ग्रह की महादशा : मंगलवार को हनुमान जी पूजा करें। दीपक लगाने के साथ ही अगरबत्ती, पुष्प आदि अर्पित करतथा सिंदूर, चमेली का तेल चढ़ाएं। मंत्र- ऊँ रामदूताय नम:, ऊँ पवन पुत्राय नम: । हनुमान चालीसा का पाठ करें।
3. बुध ग्रह की महादशा : बुधवार को गणेश भगवान की पूजा विधि-विधान से करें।
4.गुरू ग्रह की महादशा : बृहस्पतिवार को बृहस्पति देव की पूजा विधि-विधान से करें। बृहस्पति देव विद्या, धन, और संतान की कृपा करने वाले देवता है। अपने शरीर अंग नाभि और मस्तक पर केसर तिलक लगाना चाहिए और भोजन में भी केसर का प्रयोग करें। गुरू मंत्रों, विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ व जप करें या फिर कराएं। साधु, ब्राह्मण और पीपल के पेड़ की पूजा करें। पीपल की जड़ में जल, चने की दाल और पीले रंग की मिठाई चढ़ाएं। पीले रंग के धागे में गुरूवार के दिन 5 मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
5.शुक्र ग्रह की महादशा : ज्योतिष शास्त्र में भी मानव की पिड़ाओं और परेशानियों को दूर करने के लिए उपाय शुक्रवार को ही करने को उपयुक्त बताया गया है। चिटि्टयों को दाना , सफेद गाय को रोटी , गरीबों को भोजन और दान-पुण्य करें।
6. शनि ग्रह की महादशा : शनिवार को शनि देव की की पूजा करें: शनि देव के प्रकोप से बचते हैं। शनि देव को न्याय का देवता है। शनि देव को खुश करगे तो आपके पापों का नाश करगे . हनुमान चालिसा का पाठ,शनि देव के दर्शन, नीले पुष्प अर्पित करें।शिवलिंग पर जल अर्पित करें। , पीपल की पूजा ,गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं।
7.सूर्य ग्रह की महादशा : रविवार को सूर्य देव की पूजा विधि से करना चाहिए: सफलता और यश के लिए सूर्य देव को नमस्कार करें, लाल चंदन का लेप, कुकुंम, चमेली और कनेर के फूल अर्पित करें, दीप प्रज्जवलित, सूर्य मंत्र का जाप करें
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