RAHU IN ALL HOUSES IN YOUR HOROSCOPE

राहू अलग अलग भावो मे :
प्रथम भाव महत्वकांक्षी, कुलाभिमानी, पिच्छली ३ पेढियो मे कोई कुलदीपक हुआ हो, विवाद मे कुशल, दुष्ट बुध्धिवाला
द्वितीय भाव धनप्राप्ति के लिये कुछ भी करने वाला, झूठ बोलने वाला,व्यसनी
तृतिया भाव ध्येय के प्रती आत्मसमर्पन, सौतेले भाइ-बहन होने की संभावना,
प्रवासी, लडैया, नाये धरम और तत्व का प्रवर्तक,लोक-विलक्षन कार्य करनेवाला,संकट पर विजय प्राप्त करनेवाला
चतुर्थ भाव विध्याप्राप्ति मे विध्न, इछित विध्या प्राप्त ना हो,अल्प संतती, धर्म विरोधक,प्रवास मे कष्ट
पंचम भाव पिता से बैर, ममा-मौसी से बैर, विध्याप्राप्ति मे बाधा फिरभी विध्या प्राप्त हो,कला, कुशलता, खेती-बाढी, संतान प्राप्ति मे बाधा, कब्ज
छ्ठा भाव युध्धप्रेमी, नेत्रुत्व करनेवाला, अतिकामी, स्त्री-लंपट, ननीहाल का सुख कम
सप्तम भाव पैसे खने का अरोप लग सकता है, अपनी नजरो के सामने स्वजनो का नाश, किसी कुटुम्बिजन का आपघात से मृ‍त्यु, खर्चिला,लोकनिन्दा
अष्टम भाव भागीदारी मे चीटिंग, प्रियजन से वियोग, पत्नी का नाश
नवम भाव धर्मविरोधी तत्व वाला, जानबुझ के गलत रस्तो पर चलनेवाला,पितृधन का नाश
दशम भाव सार्वजनिक क्षेत्र मे नुकशान, भाई-भान्डू से नुकशान, प्रवास मे आपघात का कारक
एकादश भाव साहसी, वहन से अकस्मात,खेती मे नुकशान, शैयासुख और मातृसुख मे कमी, कोर्ट के मामलो मे अपयश
ध्वादश भाव अच्छा लाभ, परप्रांत मे भाग्योदय,अल्प संतती, प्रपंची,जातीय विकृति, कम विध्या

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