KETU IN ALL HOUSES IN YOUR HOROSCOPE

केतु अलग अलग भावो मे :
प्रथम भाव बंधुओ से कलेश,वातपीड़ा ,अस्थिर चित्त, चिंतातुर
द्वितीय भाव कुटुम्ब से ,मित्र से विरोध, खराबवाणी, धनहानि
तृतिया भाव शत्रुनाश ,पराक्रमी,ऐश्वर्य की प्राप्ति,हाथ मे पीड़ा
चतुर्थ भाव मातृसुख मे कमी,निंदा करनेवाला,वतन छोड़ना पड़े
पंचम भाव सन्तान प्राप्ति मे कष्ट,पेट सम्बंधित ऑपरेशन, मंत्र-तंत्र मे रुचि
छ्ठा भाव ननिहाल मे मान-भंग हो, शत्रुनाश ,रोग शीघ्र हो या दूर हो
सप्तम भाव जल-भय, वैवाहिक जीवन मे दरार,प्रवासी, वीर्य से सम्बंधित रोग
अष्टम भाव गुदा रोग,अकस्मात,ऑपरेशन, विरासत मिलने मे तकलीफ
नवम भाव हल्की जाती के लोगो के ध्वारा भाग्योदय,धर्म परिवर्तन,पितृध्वेषि
दशम भाव चार पग वाले पशू से घायल हो, पिता से मतभेद,व्यापार के लिये अशुभ,
एकादश भाव सभी प्रकार के लाभ प्राप्त हो, तेजस्वी, शास्त्राभ्यास
ध्वादश भाव मोक्ष कारक, गुप्तरोग

Comments

Popular posts from this blog

कैसे भाग्य को मजबूत करे ( HOW TO STRENGTHEN YOUR LORD OF FORTUNE)