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Showing posts from October, 2015

RECIPES : Yogurt with Bananas - Kela Raita

Yogurt with Bananas - Kela Raita  Ingredients: 4 large ripe bananas lemon juice 1 teaspoon cumin seeds 1 cup yogurt 3 tablespoons freshly grated or desiccated coconut 1/2 teaspoon salt 2 teaspoons sugar  Method: Slice the bananas and sprinkle with lemon juice.  Roast cumin seeds in a dry pan, shaking or stirring constantly until brown.  Crush or grind.  Combine the yogurt with all the ingredients except the banana.  If desiccated coconut is used, moisten it first by sprinkling with about 2 tablespoons water and tossing it with the fingers until it is no longer dry.  Fold banana into yogurt mixture. Chill and serve.  

PITRA DOSH REMEDIES

पक्षियों को भोजन दें ,ग्रह पीड़ा हटायें ,पित्र संतुष्ट करें ,सुखी रहें : हमारे ऋषि-मुनि, संत-महात्मा सही गह गए हैं  कि पशु-पक्षियों को दाना-पानी खिलाने से मनुष्य के जीवन में आने वाली कई परेशानियों से छुटकारा बड़ी ही आसानी से मिल जाता है। एक ओर जहां हम प्रभु की भक्ति के कृपा पात्र बनते हैं वहीं हमें अच्छे स्वास्थ्य के साथ ही पुण्य-लाभ भी प्राप्त होता है।अगर आपके मन में भी दिनभर बेचैनी- सी रहती है। आपके काम ठीक समय पर पूरे नहीं हो रहे हैं। पारिवारिक क्लेश नियमित रूप से चलता रहता है। स्वास्थ्य ठीक नहीं है आदि.... तो निश्चित ही आपको पक्षियों को दाना खिलाने से आनंद की प्राप्ति होगी और आपके  जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाएंगे। चींटी, चिड़ियों, गिलहरियां, कबूतर, तोता, कौआ और अन्य पक्षियों के झुंड और गाय, कुत्तों को नियमित दाना- पानी देने से आपको मानसिक शांति प्राप्त होगी। अत: पशु-पक्षियों को दाना-पानी देने से ग्रहों के अनिष्ट फल से छुटकारा मिलता है। *  कुंडली में यदि राहु-केतु की महादशा हो तो पशु-पक्...

SOOKTAM

सूक्तम् हिन्दु धर्म मे चार वेदों का बहुत महत्त्व है, क्रमशः चार वेद – ॠग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्वेद हैं। इन चारों वेदों में ही हिन्दु धर्म के विभिन्न देवताओं के अनेकों सूक्त है। वैदिक-मन्त्रों के समूह को आप सूक्त कह सकते है। जिस ॠषि ने भी जिस देवता की मन्त्रों के द्वारा स्तुति की अर्थात् जिस ॠषि को समाधि की अवस्था में जिस भी देवता के विभिन मंत्र दिखलाई दिये या प्राप्त हुऐ उस ॠषि ने उन मंत्रों के द्वारा उस-उस देवता की स्तुति की और वह-वह मंत्र उस-उस देवता के सूक्त कहलाये। प्रचीन ॠषियों ने वेदों में से आम व्यक्ति के भौतिक एवं आध्यात्मिक उन्नति हेतु विभिन्न सूक्तों को छाँट कर या अलग करके पुराणों में एवं शास्त्रों में लिखा। सभी सूक्त वेदों में से लिये गये हैं, इसलिये इन सूक्तों को किसी भी धर्म – जाति का व्यक्ति चाहे व ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र ही क्यों न हो, सभी इन सूक्तों का पाठ कर सकते हैं। इन सूक्तों का पाठ करने के लिऐ गुरू-मुखी होने की भी आवश्यकता नहीं है। इन सूक्तों का पाठ जिसने गुरू-धारण किया है वह भी कर सकता है और जिसने गुरू-धारण नहीं किया वह भी कर सकता है, क्योंकि सभी...